Sansadhan Ke Roop Me Log Class 9 Economics NCERT Solution In Hindi

Sansadhan Ke Roop Me Log: संसाधन के रूप में लोग यह पाठ कक्षा 9 की अर्थशास्त्र पुस्तक से ली गयी है। इस पाठ में हम जानेगे की जनसंख्या भी एक संसाधन है। इसके आलावा जनसँख्या को मानव संसाधन में कैसे प्रवर्तित किया जाता है? और सरकार की इसमें क्या भूमिका होती है? इन सब के बारे में जानेंगे। 

संसाधन के रूप में लोग
इस पाठ से लिए गए सभी प्रश्न महत्वपूर्ण है। ये प्रश्न एन० सी० ई० आर० टी० पुस्तक के आधार पर की जाने वाली परीक्षा के आधार पर तैयार किया गया है। प्रश्नों के समाधान में सावधानी बरती गयी है फिर भी यदि आपको किसी प्रकार की त्रुटि मिलती है तो आप हमें इस बारे में अवगत करा सकते है। 

Sansadhan Ke Roop Me Log: Important Questions Answers

प्रश्न: मानव पूँजी क्या है? या, मानव पूँजी से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: जब साजसंख्या में शिक्षा, प्रशिक्षण और चिकित्सा सेवाओं में निवेश किया जाता है तो वही जनसख्याँ मानव पूँजी कहलाती है। वास्तव में, मानव पूँजी कौशल और उनमें निहित उत्पादन के ज्ञान का स्टॉक है।


प्रश्न: क्या मानव भी एक संसाधन है?
उतर: मानव भी एक संसाधन है। उत्पादन के सभी साधनों को संगठित कर के उसे उत्पादन प्रक्रिया में लगाने का कार्य एक मानव ही करता है। उत्पादन प्रक्रिया में विभिन्न कार्यों में श्रम की आवश्यकता पड़ती है जिसे मानव दवरा पूरा किया जाता है। जैसे मशीन ऑपरेटर, मजदुर, प्रबंधक और उद्यम आदि। ये सभी मानव संसाधन है जो उत्पादन क्रिया में अहम भूमिका निभाते और सकल घरेलु उत्पादन में अपनी योगदान देती है।


प्रश्न: मानव पूँजी के निर्माण से क्या तात्पर्य है?
उतर: जब मानवों के कौशल और ज्ञान को और अधिक विकशित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है तब उसे मानव पूँजी के निर्माण करना कहते है। ये मानव पूँजी भौतिक पूँजी निर्माण के ही भाँति देश की उत्पादक सकती में वृद्धि करता है। 


प्रश्न: मानव पूँजी अन्य संसाधनों से कैसे श्रेष्ठ है?
उत्तर: मानव पूँजी अन्य संसाधनों जैसे भूमि और भौतिक पूँजी से श्रेष्ठ होती है, क्योंकि मनव संसाधन भूमि और पूँजी का उपभोग कर सकता है। भूमि और पूँजी अपने आप उपयोगी नहीं हो सकते। 


प्रश्न: किसी देश ले लिए शिक्षा और स्वास्थ्य क्यों जरुरी है?
उत्तर: एक देश की जनसख्याँ उस देश की ताकत भी बन सकती है और कमजोरी भी। जनसख्या के स्वास्थ्य और शिक्षा पर जब निवेश किया जाता है तो या मानव संसाधन कहलाते है। एक शिक्षित और स्वास्थ्य जनसँख्या ही देख को विकशित करन कर सकता है। ये देश के सकल घरेलु उत्पाद को बढ़ने में मदद करता है। इसके विपरीत अशिक्षित जनसँख्या देश के विकाश में खतरा उत्पन्न करती है और इसके विकाश के लिए खतरा बनजाति है। 


प्रश्न: शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सरकार ने क्या कदम उठाए है?
उत्तर: भारत के शिक्षा दर को बढ़ाने ले लिए सरकार ने अनेक कदम उठायें है। इस दिशा में सर्वशिक्षा अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यों और स्थानीय सरकारों की प्राथमिक शिक्षा सार्वभौमिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समुदाय की सहभागिता के साथ केंद्रीय सरकार की यह एक समय बद्ध पहल है। इसके आलावा प्राथमिक शिक्षा में नामांकन को बढ़ने के लिए 'सेतु-पाठ्यक्रम' और 'स्कूल लौटो शिविर' प्रारम्भ किये गए है। बच्चों के धारण और पोषण स्थिति में सुधार लाने के लिए दोपहर की भोजन की योजना कार्यान्वित की जा रही है।


प्रश्न: बेरोजगारी का क्या अर्थ है?
उत्तर: जब किस योग्य व्यक्ति काम करने के इच्छुक हो और उसके योग्यता के अनुसार उसे रोजगार नहीं मिलता है या फिर प्रचलित मजदूरी दर से काम का मजदूरी मिलता है तो इसे बेरोजगारी कहते है। बेरोजगारी का कई प्रकार होते है तथा इसके उत्पन्न होने का भिन्न-भिन्न कारन हो सकते है। बेरोजगारी में 15 से 59 वर्ष के बिच के लोगो को ही सम्मिलिलत की जरती है। इससे काम या इससे कम उम्र के लोग बेरोजगारी के श्रेणी में नहीं आते है।


प्रश्न: मौसमी मेरोजगारी क्या है?
उत्तर: वैसे लोग जिन्हें वर्ष में कुछ ही दिन या महीनो के लिए ही रोजगार मिलती है और बाकि समय ऐसे ही बैठें रहते है, उन्हें मौसमी बेरोजगारी के अंतर्गत रखा गया है। भारत के अधिकांश किसान मौसमी बेरोजगारी के अंतर्गत आते है। ये वर्षा ऋतू में खेती करते है और बाकि समय में सिंचाई के अभाव में खली रहते है। इन लोगो को कुछ विशेष समय में ही काम मिल पता है जैसे बुआई, कटाई, निराई और गहाई के समय ज्यादा काम उपलब्ध हो पता है।


प्रश्न: प्रच्छन्न बेरोजगारी क्या है?
उतर: कभी-कभी किसी कार्य में जितने लोगों की आवश्यकता होती है उससे ज्यादा लोग कार्य में लगे होते है, ऐसे बेरोजगारी को प्रच्छन बेरोजगारी कहते है। पारिवारिक कार्य में ये ज्यादा देखने को मिलता है। एक ही परिवार के जरुरत से ज्यादा लोग कृषि कार्य में लगे होते है। जहाँ 5 लोगो की आवश्यक्ता होती है वहाँ 8 लोग कार्य में लगे होते है। 


प्रश्न: 'संसाधन के रूप में लोग' से आप क्या समझते है?
उतर: मानव भी एक संसाधन है। जो अपने ज्ञान और कौशल के उपयोग से अर्थव्यवस्था की उत्पादकता में योगदान देती है। मानव के बिना उत्पादन के किसी ही संसाधन का कोई उपयोग नहीं है। 


प्रश्न: मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से कैसे भिन्न है? 
उत्तर: उत्पादन के साधनों में एक मानव संसाधन भी है लेकिन मानव संसाधन बाकि संसाधनों से भिन्न होती है। मानव सभी संसाधनों का प्रयोग कर सकता है लेकिन अन्य साधन मानव की तरह क्रिया नहीं कर सकता है। इसलिए मानव संसाधन को श्रेष्ठ संधान कहा जाता है। 


प्रश्न: मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
उत्तर: कोई मानव शुरुआती समय मै उत्पादकता में दक्ष नहीं होता है। शिक्षा के माध्यम से उसे उत्पादकता की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और वो पहले की तुलना में ज्यादा सक्षम होता देश की सकल घरेलु उत्पादकता को बढ़ाने में। एक शिक्षित मानव पूँजी देश के विकास के लिए वरदान होती है नहीं तो ये बोझ बन जायेंगे। ये पूँजी न केवल खुद के लिए रोजगार करने सक्षम होते है बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार का सृजन करते है। 


प्रश्न: किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तर: के स्वास्थ्य व्यक्ति को आसानी से रोजगार मिल जाता है। वह एक अस्वस्थ व्यक्ति की तुलना में ज्यादा कार्य कर सकता हो और ज्यादा बेतन कमा सकता है। अस्वास्थ्य व्यक्ति अपने बेतन एक बड़ा भाग दवाईयों में खर्च कर देता है जबकि स्वस्थ्य व्यक्ति इन सब खर्चो से बच जाता है और वह अस्वस्थ्य व्यक्ति की तुलना में ज्यादा पैसों का बचत कर सकता है। एक स्वास्थ्य व्यक्ति का कार्य करने की क्षमता अधिक होती है जो की एक कामयाब जीवन के लिए जरुरी होता है। 


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