रिक्त स्थानों की पूर्ति करें: स्थल रूपों का विकास कक्षा 7:
1.ऐसे बल जो पृथ्वी के आन्तरिक भाग से उत्पन्न होते हैं बल कहते हैं।
2.इटली का एटना ज्वालामुखी का उदाहरण है।
2.धरातल के नीचे का वह स्थान जहाँ भूकंप की शुरूआत होती है कहलाता है।
3.भूकंप की तिव्रता को मापने के यंत्र का नाम है।
इन प्रश्नों के उत्तर यहाँ देखें: 1.अंतर्जनित 2.सक्रिय 3.उद्गम केंद्र 4.रिक्टर पैमाना।
निम्लिखित प्रश्नों का उत्तर एक वाक्य में दें।
1.पृथ्वी पर कार्यरत दो प्रकार के बलों के नाम लिखिए।
Ans-पृथ्वी पर कार्यरत दो प्रकार के बल (क)अंतर्जनित बल (ख)बहिर्जनित बल।
2.मशरूम चट्टानें कहाँ पायी जाती हैं?
Ans-मशरूम चट्टानें रेगिस्तानी प्रदेश में पायी जाती हैं।
3.गोखुर झील का निर्माण किस कारक के द्वारा होता है?
Ans-मैदानी इलाकों में नदियाँ धीमी गति से बहती हुई अपने किनारों को काटती और अवसात जमा करती रहती है। नदियों का रास्ता सर्पिला हो जाता है। जब कटाव अत्यधिक हो जाता है, तो नदियाँ उसे छोड़कर पून: सीधी बहने लगती हैं जिससे गोखुर झील का निर्माण होता हैं।
4.भूकंपीय तरंगें कितने प्रकार की होती हैं?
Ans-भूकंप तरंगों तीन प्रकार की होती हैं-
(क)अनुदैर्घ्य या p तरंगें-ये सबसे अधिक तीव्र होती हैं।
(ख)अनुप्रस्थ या S तरंगें-इनकी गति P तरंगों से कम होती है।
(ग)पृष्ठिय या L तरंगें-इनकी गति सबसे कम होती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न: स्थल रूपों का विकास कक्षा 7.
1.प्लेटों में गति कि कारण से होती है?
Ans-पृथ्वी के अंदर पिघला हुआ मैग्मा है जिसमें गति होती है। यह एक वृत्तीय रूप में घूमता है। इस कारण प्लेटों में गति होती है।
निम्नलिखित प्रश्नों में अंतर स्पष्ट करें:
1.डेल्टा मुख्यत: नदी के मुहाने के पास होता है।
Ans-जब नदी सागर अथवा झील में प्रवेश करती है तो उसके प्रवाह में अवरोध एवं वेग में कमी के कारण नदी के मुहाने पर बड़ी मात्रा में रेत और गाद का निक्षेपण या जमाव होने लगता है। इस प्रकार से निर्मित स्थलरुप डेल्टा कहलाता है।
2.काकोटोआ एक प्रसुप्त ज्वालामुखी है।
Ans-ऐसे ज्वालामुखी उद्गार के बाद शांत पड़ जाते है तथा उनसे पुन: उद्गार के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते है, पर अचाकन उनमें विस्फोट या उद्गार होने लगता है। काकोटोआ ज्वालामुखी भी इसी प्रकार से व्यवहार करता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
1.नदी के द्वारा निर्मित स्थालाकृतियों की विवेचना कीजिए।
Ans-नदी के द्वारा बनायी गयी स्थलकृतियाँ दो प्रकार की होती हैं-
(क)नदीयाँ पहाड़ी भाग से होकर गुजरती है। इस कारण नदीयाँ तीव्र गति से बहती हैं, इसलिए काट-छॉट की क्रिया तेजी से होती है। इस अवस्था में निम्न मुख्य स्थलाकृतियों का निर्माण होता है।
(a)V-आकार की घाटी-नदीयाँ अपने अलग-बगल की चट्टानों को सीधी काटती है। इस प्रकार निर्माण घाटी का आकार अंग्रेजी के V अक्षर की तरह होता है।
(b)गार्ज और कैनियॉन-जब नदीयाँ कठोर चट्टानों को सीधी काटती है तो खड़ी दाल वाली सरकारी घाटियाँ बनती हैं। इन्हें गार्ज कहते हैं। जब घाटी लगातार अपरहन से चौड़ी हो जाती है तो यह कैनियॉन कहलाता है।
(C)जलप्रपात-नदी का पानी जब ऊँचाई से दूसरी तरफ गहरी घाटी में गिरता है तो जलप्रपात निर्माण होता है। कर्नाटक का जोग झारखंड का हूड्रू कुछ प्रसिद्ध जल प्रपात हैं।
(ख)(a)विसर्प एवं गोखुर झील-मैदानी इलाकों में नदियाँ धीमी गति से बहती हुई अपने किनारों को काटती और अवसाद जमा करती रहती हैं। नदियाँ का रास्ता सर्पिला हो जाता है। इसी सर्पिला आकार को विसर्प कहते हैं। जब कटाव अत्यधिक हो जाता है तो नदियाँ उसे छोड़कर पुन: सीधी बहाने लगती हैं जिससे गोखुर झील का निर्माण होता है।
(b)डेल्टा-डेल्टा का निर्माण नदी के मुहाने के पास होता है जहाँ नदी समुद्र में मिलती है। इसकी आकृति ग्रीक अक्षर डेल्टा(∆)की तरह त्रिभुजाकर होती है। भारत का गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा (सुंदर वन का डेल्टा)विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है।
2.पृथ्वी के किसी भाग के अचानक हिलने की क्रिया को भूकंप कहते हैं।भूकंप के निम्नांकित कारण हैं-
(क)भूकंप का कारण पृथ्वी के अंदर कार्यरत शक्तियाँ हैं।
(ख)विवर्तनिक प्लेटों का गतिमान तथा उनमें संचरण होना।
(ग)ज्वालामुखी उद्द्गर।
(घ)मनुष्य की कियाओं के कारण भी भूकंप आ जाते है। जैसे बाँध का निर्माण आदि।
3.भूकंप क्या है? भूकंप के क्या कारण हैं?
Ans-भूकंप से बचाव-भूकंप आने के पहले आपातकालीन योजना बनाना, घर में सुरक्षित स्थानों की पहचान (मेज, पलंग के नीचे,दीवार का कोना,दरवाजे के पास घर की बीमा पॉलिसी,समय समय पर विशेषज्ञों)के द्वारा घर के नींव की जाँच।
भूकंप आने के दौरान-मकान के अंदर है, तो सुरक्षित स्थान पर रहें, तो ऊँची जमीन की तरफ जाए, वाहन चला रहे हैं, तो खुली जगह पर जाए।
भूकंप आने के बाद-स्थानीय रेडियो एवं दूरदर्शन केंद्रों का प्रसारण सुने, चोट लगी हो, तो प्राथमिक चिकिस्ता प्राप्त करें, बिजली की आपूर्ति बंद करें। क्षतिग्रस्त इमारत में हैं तो बहार निकालने का प्रयास करें।