प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन अध्याय 6 कक्षा 7

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन कक्षा 7 की गूगोल पाठ 6 से ली गयी है। इस पाठ में हम विभन्न प्रकार के वनस्पतियों के बारें में पढ़ेंगे। और इससे होने वाले फायदें के बारें में जानेंगे। यह पाठ कक्षा 7 के बच्चो के लिए बनाया गया है, लेकिन सामान्य ज्ञान के लिए किसी भी वर्ग के लोग इसे पढ़ सकते है। आइए प्रारम्भ करतें है।

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन कक्षा 7

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

1.उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन को वन को             वन भी कहते हैं। 
11.ग्रीष्म ऋतु में              वन के वृक्ष अपने पत्ते गिरा देते हैं। 
111.शंकुधारी वनों की लड़कीयाँ             होती हैं। 
1V.भारत में सर्वाधिक             वन पाया जाता हैं। 
V.अंगूर, संतरा जैसे रसदार फल             प्रदेश में पाये जाते हैं।

उत्तर यहाँ देखें: 

1.उष्णकटिबंधीय वर्षा
11.पर्णपाती
111.लंबे तथा नरम
1V.उष्णकटिबंधीय पर्णपाती
V.भूमध्यसागरीय

प्रश्नों के सही सही विकल्प का चुनाव करें:

1.शंकुधारी वन की एक महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजापति है। 
(A)रोजवुड
(B)चीड़
(C)सागवान
(D)आबनूस


2.पंपास घास स्थल पाए जाते हैं। 
(A)मध्य एशिया
(B)ऑस्ट्रेलिया
(C)अर्जेंटीना
(D)अफ्रिका

3.उष्णकटिबंधीय घास स्थल का एक सामान्य जानवर है। 
(A)बंदर
(B)जिराफ
(C)ऊँट
(D)ध्रुवीय भालू


4.उत्तरी अमेरिका में पाया जाने वाला प्रमुख घास मैदान है। 
(A)प्रेरीज
(B)पंपास
(C)स्टेपीज
(D)वेल्ड

5.सागवान वृक्ष किस प्रकार के वन में पाया जाता है। 
(A)शीतोष्ण
(B)भूमध्यसागरीय
(C)उष्णकटिबंधीय पर्णपाती
(D)शंकुधारी वन

निम्नलिखत प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दें:

1.देवदार वृक्ष किस प्रकार के वन में पाया जाता है।
Ans-शंकुधारी वन


2.विश्व के किस भाग में उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाया जाता है।
Ans-उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन भारत, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े हिस्से में पाऐ जाते हैं। 


3.अधिक वर्षा एवं ताप वाले क्षेत्र में किस प्रकार के वन पाये जाते है। 
Ans-उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन।

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन निम्लिखित में अंतर बताएं:

1.उष्ण कटिबंधीय घास स्थल और शीतोष्ण घास स्थल। 
Ans-(क)जलवायु के आधार पर घास स्थल की विशेषताएं-इन घास के मैदानों में वनस्पति घास के रूप में पाई जाती है। वृक्ष कम होते हैं। इनकी ऊँचाई भी कम होती है। वृक्ष भूमध्य रेखा से मरुस्थलीय सीमा तक होते जाते हैं। घास मोटी तथा लंबी होती है। घास की लंबाई एक मीटर से दो मीटर तक होती है। 

(ख)शीतोष्ण घासस्थल की विशेषताएं- 
(A)ये घास के मैदान 40° से 55° अक्षांशों के बीच पाए जाते है। 
(B)कुछ वृक्ष, जैसे-विलो पोपलर आदि जल के पास पाए जाते हैं। 
(C)घास बहुत छोटी होती है। 
(D)गर्मियों में घास भूरे रंग की हो जाती है। 

2.गर्म रेगिस्तान की वनस्पति और ठंडे रेगिस्तान की वनस्पति 
Ans-मध्य अक्षांओं (30° से 45°)के तटीय प्रदेशो में पाए जाते हैं। उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण गोलार्ध में पाए जाते जाते हैं। इन वनों के मुख्य वृक्ष ओक,जैतून,अंजीर, पाइन फर, यूकेलिप्टस एवं चेस्टनट आदि हैं।यहाँ नींबू नारंगी,अंगूर,अनार,नाशपाती,शहतूत आदि फलदार वृक्ष भी पाये जाते हैं। काला और भूरा भालू, हिरण एवं इल्क प्रमुख जानवर हैं। 

3.ठंडी रेगिस्तान की वनस्पति:- 
उच्च अक्षोश की ओर बढ़ने पर शीतोष्ण पर्णपाती वन मिलते है। इन क्षेत्र में 3°C से 8°C और वर्षा 50 से.मी. तक होती है। ओक. ऐश,चेस्टनट,वालनट, चेरी आदि यहाँ के प्रमुख वृक्ष हैं। इनकी लकड़ी कठोर होती है। यहाँ अमेरिकन काला भालू, डकबिल,यूरोपियन लाल गिलहरी आदि जंतु मिलते हैं। 

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन निम्नलिखितों के कारन बताएँ:

1.उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन बहुत घने होते है। 
Ans-ये घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंधीय के पास पाए जाते हैं। ये क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है चूंकि यहाँ का मौसम कभी शुष्क नहीं होता इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती । 


2.धुवीय प्रदेशों में पायी जाने जानवारों के शरीर पर मोटा फर एवं मोटी चमड़ी होती है। 
Ans-ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों की त्वचा मोटी होती है क्योंकि ये प्रदेश अति शीतल है। यह इन्हें ठंडी जलवायु में सुरक्षित रखते है। ये जानवर सिल,वालरस बर्फीली लोमड़ी आदि हैं। 

प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

1.सदाबहार वन एवं काँटीली झाड़ियों में अंतर स्पष्ट कीजिए। 
Ans-1.उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन बहुत घने होते है। ये घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंधीय के पास पाए जाते हैं। ये क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है चूंकि यहाँ का मौसम कभी शुष्क नहीं होता इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती ।इसलिए इन्हें सदाबहार कहते है। काफी घने वृक्ष की मोटी वितान के कारण दिन के समय भी सूर्य का प्रकाश वन के अंदर तक नहीं पहुँच पाता है। आमतौर पर यहाँ दृढ़ कष्ठ वृक्ष जैसे रोजवुड, आबनूस,महोगनी आदि पाए जाते। काँटीली झाड़ियाँ, ये शुष्क रेगिस्तान जैसे प्रदेश में पायी जाती हैं। तीव्र गर्मी एवं बहुत कम वर्षा के कारण यहाँ वनस्पतियों को कमी रहती है।यहाँ केवल काई,लाईकेन एवं छोटी झाड़ियाँ पायी जाती हैं। इसे टुंड्रा प्रकार की वनस्पति कहा जाता है। ये वनस्पतियाँ यूरोप, एशिया एवं उत्तरी अमेरिका का ध्रवीय प्रदेशों में पायी जाती है। यहाँ के जानवरों के शरीर पर माटा फर एवं मोटी चमड़ी होती है, जो उन्हें ठंडी जलवायु में सुरक्षित रखते है। यहाँ पाए जाने वाले कुछ जानवर है- सील,वालरस कस्तूरी,बैल, ध्रवीय भालू और बर्फीली लोमड़ी।


2.उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाये वाले जैव विविधता का वर्णन करें। 
Ans-इन क्षेत्रों में वर्षा केवल ग्रीष्मकाल में होती है। इसलिए ये पेड़ सदा हरे-भरे नहीं रहते। शुष्क ऋतु में जल की कमी के कारण ये अपने पत्ते गिरा देते हैं जिसे कारण इन्हें पतझड़ वन कहा जाता है। इनमें उगने वाले मुख्य वृक्ष सागवान बाँस, साल,ताड़, चंदन, शीशम, देवदार, महोगनी, बेंत,आम, जामुन,नारियल, बरगद तथा एवं सुअर आदि जानवर पाये  जाते है। 


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