फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8: परीक्षा में पूछे जाने वाले सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान दिया गया है। परीक्षा के लिए तैयारी करने वाले बच्चे विशेष ध्यान दें। प्रश्नों का समाधान करते समय सत्यता की जाँच की गयी है फिर भी इत्मीनान लिए पुस्तक का सहारा अवश्य लें। यदि कोई त्रुटि प्रतीत होती है तो इस बात की जानकारी कमेंट में जरूर लिखें इससे हमारे सेवाओं में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
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महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर: फसल उत्पादन एवं प्रबंध
1.भंडारण किसे कहते हैं?
Ans-कटाई के बाद अनाज का भंडारण एक महत्वपूर्ण कार्य है। कटाई के बाद अनाजों को भविष्य में उपयोग करने के लिए सुरक्षित रखने की विधि को भंडारण कहा जाता है।
2.क्या है ओसाई?
Ans-दौनी से प्राप्त अनाज में छिलका भी शामिल रहता है। इन छिलकों को दानों से अलग करने की विधि को ओसाई (Winnowing) कहते हैं।
3.फसल किसे कहते हैं?
Ans-जब एक ही किस्म के पौधे किसी स्थान पर बड़े पैमाने पर नियमित रूप से उगाए जाते हैं, इसे 'फसल' कहते हैं। उदाहरण के लिए मकई की फसल का अर्थ है, खेत में उगाए जाने वाले सभी पौधे मकई के हैं।
4.फसल कितने प्रकार के होते हैं?
Ans-देश के विभिन्न भागों में विविध प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। मौसम के अनुसार फैसलों के तीन प्रकार हैं:(1)खरीफ फसल (2)रबी फसल (3)जायद फसल
खरीफ फसल: वर्षाऋतु (जून-जुलाई) में बोए जाने वाले तथा ऑक्टोबर से दिसंबर तक कटाई वाले पौधों को खरीफ फसल कहते है। धान,मकई, मूंगफली, सोयाबीन, कपास आदि सभी खरीफ फसल के उदाहरण हैं।
रबी फसल: शीत ऋतु में बोए जाने वाले तथा मार्च तक कटाई वाले पौधों को रबी फसल कहा जाता है। गेहूँ, चना, आलू आदि की फसलों को शीतऋतु (October) में बोया जाता है। तथा इसकी कटाई मार्च में होती है। इसके अतिरिक्त मटर, सरसों, अलसी आदि रबी फसलें हैं।
जायद फसल(ग्रीष्मऋतु): जायद फसलों को ग्रीष्मऋतु में लगाया जाता है। इनकी बुआई मार्च से जून माह के बीच गर्मी के मौसम में की जाती है। दलहनी फसलें तथा सब्जियाँ भी इसी मौसम में लगाई जाती हैं।
5.तत्वों के आधार पर फसल कितनी प्रकार की होती हैं:-
Ans-तत्वों के आधार पर फसल तीन प्रकार के होते हैं।
(1)कार्बोहाइड्रट प्रदान करने वाली फसल
(11)प्रोटिन प्रदान करने वाली फसल
(111)वसा प्रदान करने वाली फसल
कार्बोहाइड्रट प्रदान करने वाली फसल: कार्बोहाइड्रट प्रदान करने वाली प्रमुख फसलों में चावल, गेहूं, मक्का बाजरा तथा ज्वार है। इन्हें अनाज या धान्य (cereal)फसल कहा जाता है। ये मनुष्य के भोजन के प्रमुख अंग हैं।
प्रोटिन प्रदान करने वाली फसल: सोयाबीन, चना,मसूर, अरहर,मटर, आदि फसल प्रोटिन के प्रमुख स्रोत हैं। इन फसलों को दलहन फसल (pulse crop) कहा जाता है। इनमें हमें दाल प्राप्ति होती है।
वसा प्रदान करने वाली फसल: सरसों, मूँगफली, सूर्यमुखी, तीसी, तिल, आदि फसलों से वसा या तेल की प्राप्ति होती है। इस कारण इन फसलों को तेलवाले बीजों (oil seed)की फसल कहते हैं। इन बीजों से वसा या तेल प्राप्त होता है।
अन्य फसलें:- (विटामिन एवं खनिज लवन वाले) विटामिन तथा खनिज लवणों की प्राप्ति मुख्य: सब्जियों तथा फलों से होती है।
चारा फसलें:-चारा फसल व रेशेदार फसलों जैसे-जई, सूडान घास, बरसीम आदि को जानवरों के चारे के लिए लगाया जाता है। इन फसलों को 'चारा फसल' (Fodder Crop) कहते हैं।
रेशेदार फसल:-कुछ फसलें, जैसे जूट एवं कपास को रेशे की प्राप्ति के लिए लगाया जाता है। इन फसलों को रेशेदार फसल (Fibre Crop) कहा जाता है।
6.' हाॅर्टिकल्चर' किसे कहते।
Ans: फूलों, फलों एवं सब्जियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन हाॅर्टिकल्चर कहलाता है।
7.बुआई अथवा बिजारोपण किसे कहते हैं?
Ans: बुआई, फसल उत्पादन का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का चयन किया जाता है। बीजों को मिट्टी में बोने की विधि को बुआई अथवा बिजारोपण कहते हैं।
8.क्या होता है छिटका बुआई।
Ans: बीजों की बुआई कहीं-कहीं हाथ से भी की जाती है। इसके अन्तर्गत गीली मिट्टी के उपर हाथों द्वारा बीजों को बिखेर दिया जाता है। इस विधि को छिटका बुआई कहते हैं।
9.क्या होता है फसल चक्रण (Crop rotation)?
Ans-किसी एक खेत में फसलों को बदल-बदल कर एकांतर क्रम में बोना, फसल चक्रण कहलाता है। उदाहरण-फलीदार फसलों के बाद झकड़ा जड़ों वाली फसलों (जैसे-गेहूँ)को उगाना।
10.नाइट्रोजन स्थिरीकरण (nitrogen fixation) किसे कहते हैं?
Ans: ये जीवाणु वायुमण्डल के नाइट्रोजन को सोख कर इसे नाइट्रोजन में बदलकर पौधों द्वारा अवशोषण के लायक बनाते हैं। वायुमंडल नाइट्रोजन का नाइट्रेट में बदलने की इस प्रकिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण (nitrogen fixation) कहा जाता है।
11.उर्वरक एवं खाद मे क्या अंतर हैं?
उर्वरक:
- उर्वरक एक अकार्बनिक पदार्थ है।
- उर्वरक उत्पादन फैक्ट्रियों में होता है।
- उर्वरक से मिट्टी को हूमस प्राप्त नहीं होती है।
- उर्वरक में पादप पोषक, जैसे फॉस्फोरस, पोटैशियम तथा नाइट्रोजन प्रचुराता में होते हैं।
- उर्वरक का भंडारण, परिवहन तथा इसका उपयोग काफी आसान होता है।
- यह मिट्टी की संरचना को बिगाड़ता है।
- यह शीघ्र प्रभाव डालता है।
खाद
- खाद एक प्राकृतिक प्रदार्थ है जो गोबर, मानव अपशिष्ट एवं पौधों के अवशेष के विघटन से प्राप्त होता है।
- खाद खेतों में बनाई जाती है।
- खाद से मिट्टी को हुमस प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है।
- खाद में पादप पोषक तत्व तुलनात्मक रूप से कम होता है।
- खाद का भंडारण, परिवहन तथा इसका उपयोग तुलनात्मक रूप से कठिन होता है।
- यह मिट्टी की संरचना में सुधार लाता है।
- यह देर से प्रभाव डालता है।
12.सिंचाई किसे कहते हैं?
Ans: जिस प्रकार जीवित रहने के लिए प्रत्येक जीव को आवश्यकता होती है। उसी प्रकार पौधों को भी उचित वृद्धि एवं विकास के लिए जल की आवश्यकता होती है। विभिन्न अंतरालों (समय-समय)पर फैसलों कों जल उपलब्ध करना "सिंचाई" कहलाता है।
13.सिंचाई के कौन-कौन से स्रोत हैं?
Ans-कुएं, जलकूप, तालाब, झील, नदियाँ, बाँध, नहर इत्यादि जल के स्रोत हैं। इन्हीं से सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराया जाता है।