भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन Geography Class 8 Chapter 2

पिछले अध्याय में हमने संसाधन से संबंधित प्रश्नों का समाधान देखा। इस पाठ में भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन के बारे में विस्तार से पढ़ेगें और इससे संबंधित प्रश्न-उत्तर को देखेंगे।

NCERT ANSWERS वेबसाइट में कक्षा 10 तक की सभी विषयों का प्रश्न-उत्तर उपलब्ध है। इसे और भी बेहतरीन बनाने के लिए अपना राय निचे  निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखें। हमारी टीम जल्द ही समाधान करेगी।

ncert class 8 geography chapter 2 notes

Class 8 Geography Chapter 2 Questions Answers

प्रश्न: भूमि का उपयोग किन कार्यो के लिए किया जाता है?
उत्तर: भूमि का उपयोग विभिन्न कार्यो के लिए किया जाता है, जैसे - कृषि, वानिकी, खनन, सड़को और उद्योगों की स्थापना, इससे ही भूमि उपयोग कहते है। 

प्रश्न: भूमि का साझा संपत्ति संसाधन क्या है?
उत्तर: किसी विशेष स्थान के भू-संसाधन का प्रयोग जब सामूहिक हितो की पूर्ति के लिए किया जाता हो अर्थात जब किसी भू-सम्पत्ति पर सामूहिक स्वामित्व पायी जाती है, तो उसे भूमि का साझा संपत्ति संसाधन कहते। 

प्रश्न: भू-संसाधन के संरक्षण से आप क्या समझते है?
उत्तर: बढ़ती जनसंख्याँ के कारन वन भूमि और कृषि भूमि का दिन-प्रदीन विनाश होता जा रहा है। इनका संरक्षण करना ही भूमि साझा संसाधन का संरक्षण कहते है। 

प्रश्न: भूस्खलन क्या है?
उत्तर: भूस्खलन सामान्य रूप से शैल, मलबा और ढ़ाल से गरिने वाली बृहत मिट्टी का भाग होता है जो इंसानों के लिए विनाशकारी होती है। ये प्रायः भूकंप, बाढ़ और ज्वालामुखी के साथ घटित होते है। यह विध्वंशकारी कारी आपदा पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा के समय में अधिक होती है। वर्तमान में यह के चिंता का मुख्य विषय बना हुआ है। 

प्रश्न: भूस्खलन के से बचने के उपायों का वर्णन करें। 
उत्तर: भूस्खलन से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते है:

  • भूस्खलन प्रभावी क्षेत्रों को मानचित्र में दर्शाया जाना चाहिए ताकि इन क्षेत्रों में भवन निर्माण कार्य हो। 
  • भूमि को खिसकने से बचाने के लिए प्रतिधारी दीवार का निर्माण करवाना चाहिए। 
  • सतही अपवाह तथा झरना प्रवाहों के साथ-साथ भूस्खलन की गतिशीलता को नियंत्रित करने के लिए पृष्ठीय अपवाह नियंत्रण उपाय को अधिक से अधिक कार्यान्यवित करना चाहिए। 

प्रश्न: भूमि संरक्षण के क्या उपाय है?
उत्तर: भूमि संरक्षण के लिए वनरोपण, भूमि उद्धार, रासायनिक कीटनाशको और उर्वरकों के विनियमित उपयोग तथा अतिचारण पर रोक लगाना चाहिए। 

प्रश्न: मृदा क्या है? इसका निर्माण कैसे होता है?
उत्तर: पृथ्वी के कण के ऊपरी परत को मृदा कहा जाता है। इसका निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों और जैव पदार्थ तथा भूमि पर पाए जाने वाले खनिजों से होता है। इसकी बनाने की क्रिया अपक्षय कहलाती है। जनक शैल का स्वरूप और जलवायविक, स्थलाकृति, जैव पदार्थों की भूमिका मृदा निर्माण के संघटक में लगा समय  आदि मृदा निर्माण के प्रमुख कारक है। 

प्रश्न: मृदा निम्नीकरण क्या है?
उत्तर: प्राकृतिक या मानवीय क्रियाओं द्वारा मिट्टी का एक स्थान से दूसरे स्थान में स्थानांतरण होना या गुणवत्ता में गिरावट आना मृदा निम्नीकरण कहलाता है। सामान्य शब्दों में मिट्टी का कटाव या दूषित होना ही मृदा निम्नीकरण कहलाता है। 

प्रश्न: मृदा निम्नीकरण से बचाव के लिए क्या उपाय है?
उत्तर: मृदा निम्नीकरण बचाव के निम्लिखित उपाय है:

  1. मल्च बनाना: पौधों के बीच अनावरित भूमि को जैव पदार्थ जैसे प्रवाल से ढक दी जाती है। इससे मृदा की आद्रता रुकी रहती है। 
  2. वेदिका फार्म: इसे तीव्र ढालों पर बनाई जाती है ताकि जल के तेज बहाव को कम किया जा सके। 
  3. समोच्चरेखीय जुताई: पहाड़ी क्षेत्रों में इसप्रकार जुताई की जाती है की जल तीव्र बहाव को काम किया जा सके। 
  4. रक्षक मेखलाएँ: तटीय प्रदेशो में तेज हवाओं के कारण भी मृदा के ऊपरी परत की कटाई होती है, इसे रोकने के लिए एक कतार में पेड़ लगाए जाते है। 
  5. चट्टान बाँध: नलिकाओं से होने वाली मृदा निम्नीकरण को रोकने के लिए ऐसी जगहों पर जट्टानों के बाँध बनाएँ जाते है। 

प्रश्न: जल प्रदूषण से आप क्या समझते है? इसके क्या कारन है?
उत्तर: जल का दूषित होना ही जल प्रदूषण कहलाता है। जल प्रदुषण के कई कारन है। उद्योगों का गंदा पानी तथा शहरों का गंदा पानी नदियों में मिला देना, किसानों का खेतो में रासायनिक प्रदार्थ का प्रयोग करना जो बाद में जल के साथ घुल जाती है, मानवों के द्वारा जल का अनावश्यक प्रयोग आदि जल प्रदुषण का प्रमुख कारन है। 

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